लंदन के द ओवल स्टेडियम में खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया टीम से करारी हार का सामना करना पड़ा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय टीम को 209 रनों के बड़े अंतर से हार का सामना करवाया।
आईसीसी के इस महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में शिकस्त खाने के बाद भारतीय टीम की जमकर आलोचना की जा रही है। इसी के साथ रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को भी जमकर कोसा जा रहा है कि उन्होंने रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी।
जगह बनाने का कंपटीशन केवल स्पिनर्स और बॉलर्स के लिए
दरअसल एक इंटरव्यू के दौरान सुनील गावस्कर ने कहा था कि, टीम में जगह बनाने का कंपटीशन केवल स्पैनर्स और बॉलर्स में है। बहुत अच्छा खेलने के बाद भी उन्हें कॉन्पिटिशन झेलना पड़ता है और यह बल्लेबाजों पर लागू नहीं होता।
ऐसे में इस बात पर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि, यह बिल्कुल सच है बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए अलग-अलग नियम है। उनके साथ बर्ताव के तरीके भी अलग-अलग है और उन्होंने हमेशा इस एक विचार से लड़ने की कोशिश की है।
भारतीय गेंदबाजों की हालत बेहद खराब
रविचंद्रन अश्विन ने आगे बताया कि, जब वह छोटे थे तो भारत और श्रीलंका का मैच देख रहे थे। इसमें भारतीय गेंदबाजों की हालत बेहद खराब थी सचिन तेंदुलकर बहुत अच्छा खेले थे। अश्विन ने आगे कहा कि, सचिन ने जो भी रन बनाए गेंदबाज में खराब गेंदबाजी से वह गंवा दिया। मैंने सोचा कि मुझे गेंदबाज बनना चाहिए क्या मैं मौजूदा गेम पास से अच्छी गेंदबाजी कर पाऊंगा ?
गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था
इसी के साथ तेज गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन आगे कहते हैं कि, इतना अच्छा बल्लेबाज होने के बाद उन्हें कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था। बहुत से लोग उन्हें ज्यादा सोचने वाला बताते हैं। जिन्हें खुद को साबित करने के लिए एक बार में 15-20 मैच मिलते हैं। उन्हें ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती जिसे पता है कि उसे केवल दो मैच खेलने को मिलेंगे वह सदमे में आ जाता है। वह ज्यादा सोचता है क्योंकि यह उसके काम के बारे में है।