इस साल होने वाले विश्व कप (World Cup) की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। टूर्नामेंट का आगाज 5 अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा। इसके पहले टूर्नामेंट को लेकर चर्चाएं जोरों पर है। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीमों को लेकर बयान आना शुरू हो गए हैं। इसी बीच पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने भारतीय टीम में बदलाव को लेकर बड़ा बयान दिया है।
भारत को करना होगा ये बदलाव
हाल ही में भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने भारतीय टीम की ओपनिंग जोड़ी के बारे में चर्चा की। दिग्गज शास्त्री ने कहा, “आपको इवेंट को गहराई से देखना होगा। फॉर्म फिर से महत्वपूर्ण हो जाता है। आपको सही संतुलन बनाने की जरूरत है। क्या आपको लगता है कि बाएं हाथ का बल्लेबाज टॉप ऑर्डर में अंतर पैदा करेगा? यह ओपनिंग नहीं होनी चाहिए, बल्कि शीर्ष तीन या चार में होनी चाहिए। आपको उन सभी विकल्पों को तौलना होगा. आदर्श रूप से, मैं टॉप-6 में दो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ देखना चाहूंगा।”
रवि शास्त्री ने आगे बताया कैसे लेफ्ट हैंडर टीमों के लिए उपयोगी साबित हुए हैं। पूर्व भारतीय हेड कोच ने आगे कहा, “जब भी आपने अच्छा किया है (बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों ने योगदान दिया है) 2011 में, आपके पास गौतम गंभीर, युवराज सिंह और सुरेश रैना थे। 1974 मे वापस जाइए… एल्विन कालीचरण, रॉय फ्रेडरिक, क्लाइव लॉयड…. 1979 में भी सेम. 1983 की टीम एकमात्र ऐसी टीम थी जिसमें बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं था, लेकिन वह पूरा टूर्नामेंट सभी बाधाओं के खिलाफ था।”
इंग्लैंड के पास पर्याप्त संतुलन
रवि शास्त्री ने आगे कहा, “1987 में, ऑस्ट्रेलिया के पास पर्याप्त थे। उनके पास टॉप में एलन बॉर्डर थे, निचले क्रम में दो या तीन और थे। 1996 में श्रीलंका ने सनथ जयसूर्या, अर्जुन रणतुंगा, असांका गुरुसिन्हा के साथ इसे फिर से साबित किया था। और फिर ऑस्ट्रेलिया, गिलक्रिस्ट और हेडन के साथ थे। इंग्लैंड के पास अब यह है। वह मिश्रण और संतुलन बनाना होगा।”
गौरतलब है कि टूर्नामेंट में लेफ्ट हैंडर के खिलाड़ियों ने जमकर प्रदर्शन किया है। यही कारण है कि उन्होंने टीम इंडिया को भी अधिक संख्या में लैफ्ट हैंडर बल्लेबाजों को शामिल करने की बात कही है।
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