अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली एकदिवसीय और टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है। इस सीरीज़ में कई चौंकाने वाले नामों को टीम में चुना गया है। इन दोनों टीमों में पहली बार युवा गेंदबाज मुकेश कुमार को चुना गया है। जो बिहार के रहने वाले है। मुकेश ने काफी संघर्ष कर इस मुकाम को हासिल किया है। आईये जानते है उनके बारे में।

पिता है आॅटो चालक

मुकेश कुमार बिहार के गोपालगंज के काकड़कुंड गांव के रहने वाले है। मुकेश कुमार का जीवन काफी संघर्ष में गुजरा है। उनके पिता आॅटो चलाते थे जबकि उनकी मां हाउसवाईफ थी। मुकेश ने तमाम मुश्किल परस्थितियों के बाबजूद क्रिकेट खेलना जारी रखा और भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई।

चाचा कृष्णा सिंह ने मुकेश के भारतीय क्रिकेट टीम में सेलेक्शन और संघर्ष को बयां किया। उन्होंने कहा,  ‘घर की ज़िम्मेदारी मुझ पर ही थी, बांकी लोग बाहर कमाने चले गए थे। शुरू के दिनों में मैं मुकेश के क्रिकेट खेलने के खिलाफ रहा। उसे लगातार मना करता रहता था। ऐसा लगता था कि खेल-कूद की वजह से कहीं झगड़ा-झंझट न हो जाए। लोगों की शिकायतों और बदनामी का डर था, लेकिन वो मानने वालों नें नहीं थे।”

घरेलू क्रिकेट में रहा शानदार प्रदर्शन

दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मुकेश ने अब तक अपने फर्स्ट क्लास करियर के 39 मैचों में 22.50 की औसत के साथ 149 विकेट लिए हैं। उन्होंने 6 बार पारी में कम से कम 5 विकेट लेने का कारनामा किया है। मुकेश ने रणजी ट्रॉफी 2022-23 में सिर्फ 5 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 22.27 की औसत के साथ 22 विकेट लिए थे। इस दौरान पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 22 रन देते हुए 4 विकेट लेना रहा था।

वह इंडिया ए की टीम का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। इसके अलावा इस सीजन उन्होंने आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की टीम का प्रतिनिधित्व किया था।

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