अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की जब से हत्या हुई है तब से दोनों को लेकर अलग-अलग कनेक्शन सामने आ रहे है. दरअसल माफिया भाइयों के कत्ल के बाद सरेंडर करने वाले तीनों हमलावरो ने शुरुआती जांच में यह साफ तौर पर जो कहा है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इस हत्या का कुछ पाकिस्तानी कनेक्शन है. वही एक आरोपी ने कहा कि अतीक ने उसके भाई की जेल में पिटाई की थी उसका बदला लेने के लिए उसने उसे मारा है. फिलहाल इस मामले में यूपी पुलिस के स्पेशल डीजी और प्रमुख सचिव पूरे घटनाक्रम की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को देंगे.

हत्यारों के बयान का हो रहा सत्यापन

इस मामले में जिन तीन आरोपियों को पकड़ा गया है उसमें से एक का नाम अरुण मौर्य बताया जा रहा है जो कासगंज का रहने वाला है तीनों की उम्र बी के 25 साल की बताई जा रही है और मीडिया कर्मी बनकर इस हत्या को अंजाम देने के लिए वहां तीनों पहुंचे थे फिलहाल यूपी पुलिस की एक टीम अरुण मौर्य के परिवार से भी इस मामले में पूछताछ करने वाली है. फिलहाल तीनों हत्यारों ने जो बयान दिया है उसका सत्यापन किया जा रहा है.

दो दर्जन पुलिस के मौजूद रहते हुई ये हत्या

हत्यारों के पास से पुलिस को कौशांबी और प्रयागराज की नंबर की दो बाइक, हमलावरों की तीन पिस्टल कैमरा और बैग मिला है. सरेआम अतीक और उसके भाई अशरफ को गोलियों से भूनने वाले हमलावर इतने बेखौफ है कि अतीक की अभिरक्षा में तैनात दो दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी भी पूरी तरह से सन्न रह गए जहां अब इस मामले के बाद खाकीं पर भी सवाल होना शुरू हो चुका है. दरअसल जैसे ही अतीक और अशरफ पर गोलियां बरसाई तो सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी खुद इधर-उधर भागने लगे. इसके बाद सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी ने तीनों को पकड़ लिया.

होटल में ठहरे थे तीनों आरोपी

रिपोर्ट के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि अतीक अहमद और अशरफ के हत्या करने वाले तीनों आरोपी प्रयागराज के एक होटल में ठहरे थे. पुलिस ने उस होटल पर भी छापा मारकर उस कमरे से प्रयागराज का मैप बरामद किया है. दरअसल इस पूरी घटना के गवाह वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी है जहां हत्या के वक्त का वीडियो फुटेज देखने के बाद पुलिस वालों पर भी सवाल उठने लगा है.

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