भारतीय महिला क्रिकेट टीम अगले महीने बांग्लादेश के दौर पर होगी। जहां भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ 3 टी 20 और 3 एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेलेगी। इस सीरीज के लिए हाल ही भारतीय टीम की घोषणा हुई है। जहां एक बार फिर टीम इंडिया की कमान हरमनप्रीत कौर को सौंपी गयी है। इस टीम में कई खिलाड़ियों को जगह नहीं मिली है , इनमे अनुभवी तेज गेंदबाज़ शिखा पांडेय भी शामिल है। जिन्हे टीम में जगह नहीं मिली है। हाल ही उनका दर्द एक इंटरव्यू के दौरान बयां हुआ।

इंटरव्यू में झलका दर्द

शिखा ने इंटरव्यू में कहा कि, “अगर मैं कहूं कि मैं निराश और गुस्सा नहीं हूं, तो मैं एक इंसान नहीं हूं। यह मुश्किल है जब आपको उस काम का रिजल्ट नहीं मिलता जो आपने किया है। मुझे यकीन है कि इसके पीछे कुछ कारण है जो मैं नहीं जानता। मेरे हाथ में कड़ी मेहनत है, और मैं कड़ी मेहनत में दृढ़ विश्वास रखता हूँ। इसलिए यह तब तक कड़ी मेहनत करने के बारे में है जब तक मैं मेंटली और फिजिकली फिट नहीं हो जाती।”

पांडे ने अपने करियर के कठिन दौर के दौरान अपने आसपास अच्छे मेंटोर्स के होने के महत्व के बारे में बताया और पूर्व कोच डब्ल्यूवी रमन को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि, “जब मुझे टीम से बाहर किया गया तो मैंने सोचा कि क्रिकेट से दूर जाना ही सही होगा। तब यह सुझाव दिया गया कि यह एक इमोशनल दौर था और मुझे खुद को और ज्यादा समय देने की जरूरत है।”

कोच की जमकर तारीफ की

महिला ऑलराउंडर ने आगे कहा कि, “आपने (रमन) सोचा था कि मुझमें अभी भी काफी क्रिकेट बची है और मुझे तब तक खेलना चाहिए जब तक मैं खेल का लुत्फ उठाऊं। मैं अभी निराश हूं, लेकिन जिस स्थिति में मैं हूं वह मेरे कंट्रोल से बाहर है, इससे बाहर निकलने के लिए मैं जो फैसला लेती हूं वह पूरी तरह से मेरे हाथ में है।”

गौरतलब है कि शिखा पांडेय के करियर में कोच के तौर पर रमन का महत्वपूर्ण रोल रहा है। अगर हम शिखा के टी20 अंतर राष्ट्रीय करियर की बात करे तो उन्होंने 62 मैच खेले है और 6.49 के इकॉनमी से 43 विकेट लिए है। वहीं बल्लेबाजी करते हुए 208 रन बनाये है। इसके अलावा उन्होंने भारत को 55 वनडे मैचों में रिप्रेजेंट करते हुए 3.99 के इकॉनमी से 75 विकेट हासिल किये है। बल्लेबाजी करते हुए 20.48 की औसत से 512 रन बनाये है। इस दौरान उनके बल्ले से 2 अर्धशतक देखने को मिले है।

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