आपने पैसों के लेनदेन वाले बैंक के बारे में जरूर सुना होगा पर आज हम आपको एक ऐसे बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं जो लोगों को निशुल्क बर्तन प्रदान कर रहे हैं. राजस्थान के झुंझुनू जिले के बुहाना उपखंड में एक सरपंच द्वारा निशुल्क बर्तन देने की योजना की स्थापना की गई है. साफ तौर पर इस बैंक का यह उद्देश्य है पर्यावरण को बचाना. सुनने में यह अजीब लग सकता है या फिर आपको इस बात पर भरोसा नहीं होगा लेकिन इस पहल से आज कई लोग शादी विवाह और अन्य समारोह में इसका भरपूर तरीके से फायदा उठाते हैं और यह लोगों द्वारा खूब पसंद भी किया जा रहा है.
प्लास्टिक को बैन करने पर लिया गया फैसला
दरअसल सरकार द्वारा जबसे प्लास्टिक को बैन किया गया है उसके बाद ही यह कदम उठाया गया. प्लास्टिक के इस्तेमाल से आज हमारे देश का कितना बुरा हाल है यह किसी से छिपा नहीं है. यही वजह है कि इसे बंद करने के लिए निशुल्क बर्तन बैंक की शुरुआत की गई. इस बैंक से बर्तन लेने तक कोई किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता. गांव के जिस भी लोगों को इसकी आवश्यकता है वह बर्तन ले जाते हैं और उसमें खुद खाए मेहमानों को खिलाएं और फिर वापस दे जाए. इस तरह की योजना की शुरुआत हुई जो लोगों को खूब पसंद भी आ रहे हैं.
गरीब लोगों को हो रहा काफी फायदा
बुहाना इलाके के लांबी अहिर ग्राम पंचायत की सरपंच नीलू यादव की इस पहल का चौतरफा स्वागत किया जा रहा है. उनका खुद मानना है कि ऐसा बैंक खोले जाने पर पर्यावरण की शुद्धि भी होती है और कई उन गरीबों के लिए यह वरदान साबित हो रहा है जो सही तरह से मेहमान नवाजी या शादी विवाह के कार्यक्रमों में इस तरह के बर्तन का इस्तेमाल नहीं कर पाते थे. इसका उद्देश्य साफ तौर पर नजर आ रहा है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकना है. उस पंचायत में जिस किसी के यहां भी शादी विवाह होता है वे अपने बैंक से बर्तन ले जाने का आग्रह करती है जिससे लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल करना भी बंद करते हैं और आसपास का माहौल भी पूरी तरह से स्वच्छ और साफ रहता है.
लोगों का मिल रहा सहयोग
इस योजना के तहत आयोजनकर्ता का खर्चा भी बचता है और टेंट हाउस से बर्तन लाने का खर्चा होता है. यहां वह खर्च भी नहीं हो रहा है. सरपंच नीलू यादव ने इस बारे में चर्चा करते हुए कहा कि आज के समय में कोई भी बड़ा से बड़ा या छोटा से छोटा फंक्शन हो हर कोई सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग कर रहा है. इससे प्लास्टिक का उपयोग ना हो इसके लिए इस योजना की शुरुआत की गई है जिसका आगे बढ़कर मकसद यह है कि प्लास्टिक के बर्तनों को प्रतिबंधित करवाना और लोग इसमें बढ़-चढ़कर सहयोग भी कर रहे हैं.
ये है सरपंच के नियम
सरपंच नीलू यादव ने लोगों से भी आग्रह किया है कि प्लास्टिक की जगह स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करें क्योंकि यह आपको निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं. काम खत्म होने के बाद बर्तन वापस बैंक में जमा करवा दें जिससे उन लोगों को फायदा हो सके जो आगे शादी विवाह या किसी कार्यक्रम में इसका इस्तेमाल करने वाले हैं.