एक बार फिर से मनरेगा घोटाला में एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. परतावल क्षेत्र में सरकारी धनराशि का अनियमित तरीके से भुगतान करने के मामले ने हर किसी को चौका दिया. गांव के विकास कार्य के लिए निकाले गए टेंडर खुलने से पहले ही स्वच्छता सामग्री खरीद के नाम पर भुगतान कर दिया गया है, जहां इस मामले के चर्चा में आने के बाद बीडीओ कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है.
कई बार हो चुका है इस तरह का भुगतान
दरअसल मनरेगा व अन्य मद से कराने जाने वाले कार्यों के लिए नए वित्तीय वर्ष में टेंडर निकाला गया था. यह टेंडर इसी महीने 20 अप्रैल को खुला था लेकिन टेंडर खुलने से पहले ही जिम्मेदारों ने ग्राम पंचायत निधि से स्वच्छता सामग्री खरीद के लिए 18 अप्रैल को ही 28056 का भुगतान कर दिया. इस तरह भुगतान का मामला सामने आने के बाद बीडियो कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि इसी साल के 21 फरवरी को ₹39012 व 13 मार्च को भी ₹39012 का भुगतान हुआ था.
सरकारी भुगतान पर उठ रहे सवाल
यह पूरा मामला परतावल क्षेत्र के पिपरा जद्दू गांव का है, जहां ब्लॉक के अकाउंट से जुड़े लोगों का यह कहना है कि टेंडर खुलने से पहले ही भुगतान करना पूरी तरह से नियम के विरुद्ध है. 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू है और टेंडर खुलने से पहले जिस बाउचर से भुगतान हुआ है, वह अप्रैल का पहला भुगतान है. ऐसे में अब सरकारी धन के भुगतान को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे है.
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