महाराजगंज के खिलाड़ियों को सभी वह सुविधा दी जा सके जिसके लिए वह योग्य है. इसके लिए एक बेहतर कदम उठाया गया है ताकि खिलाड़ियों के साथ-साथ स्टेडियम उच्चीकरण पर भी जोड़ दिया जाए. इन सुविधा के बढ़ जाने से खिलाड़ियों को काफी लाभ मिलेगा और वह अपने प्रदर्शन से जिले को गौरवान्वित करने में और भी ज्यादा अहम भूमिका निभाएंगे. आपको बता दे कि महाराजगंज के स्टेडियम में कुश्ती, टेबल टेनिस और बैडमिंटन जैसे खेलों का बेहतर ढंग से अभ्यास करने के लिए दो दशक पहले बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल का निर्माण कराया गया था जो अब पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और इसे लेकर अब एक नया कदम उठाया जा रहा है.
सरकार की तरफ से मिली है इतनी राशि
जर्जर हॉल को सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए खेल विभाग में 2.40 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था, जहां इस प्रस्ताव को खेल निदेशालय की ओर से स्वीकृति प्रदान की गई है. बस अब इस धनराशि के मिलने की देर हैं. जैसे ही यह धनराशि मिलती है उसके बाद तुरंत ही जर्जर शेड के निर्माण के साथ ही बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल के बाद बैडमिंटन कोर्ट को सिंथेटिक कोर्ट के रूप में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
आपको बता दें कि पवेलियन पर 60 लाख का शेड लगाया जाएगा. वहीं क्रीड़ा हॉल के साथ-साथ स्टेडियम में बने दोनों पवेलियन भवन के ऊपर भी शेड का निर्माण होगा जिसके लिए ₹700000 खर्च करने का फैसला किया जाएगा. इसके अलावा महाराजगंज के इस स्टेडियम में खेल संबंधी सारी सुविधाओं को बढ़ाने पर पूरी तरह से जोड़ दिया जाएगा. इस दिशा में बैडमिंटन, क्रिकेट, वॉलीबॉल, कुश्ती, कबड्डी, खो-खो के विकास के लिए शिक्षकों की तैनाती भी की जाएगी और इस दिशा में प्रयास जल्द ही शुरू होगा.
खिलाड़ियों के विकास पर दिया जाएगा ध्यान
इसके अलावा खेल के साथ-साथ खिलाड़ियों के विकास की दिशा में भी नियमित रूप से प्रयास किया जा रहा है. बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल के जीर्णोद्धार के साथ ही शेड के निर्माण पर भी जोड़ दिया जाएगा. दरअसल यह इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि खिलाड़ियों को किसी भी तरह से कोई परेशानी ना हो.