महाराजगंज (Maharajganj) के थाना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सभा पतरेगवा टोला सुकऊ में साल 1993 को एक मामला सामने आया था, जिसमें विवाहिता को जलाकर दहेज के कारण मार दिया गया था. अब इस मामले में 30 साल बाद पीड़िता के पति, सास व ननद को दोषी पाए जाने पर 10 वर्ष के लिए कारावास की सजा सुनाई गई है.

दहेज के लिए विवाहिता को जिंदा जलाया

6 अप्रैल 1993 को रामाश्रय यादव में थाना कोतवाली सदर में रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि उसकी 19 वर्षीय पुत्री श्यामा की शादी 1987 में पुनवासी के साथ हुई थी. साल 1991 में गवना हुआ था. पुत्री ने बताया कि पति, सास, ससुर व ननद दहेज में 50 हजार व मोटरसाइकिल के लिए बार-बार प्रताड़ित कर रहे थे. 22 फरवरी 1933 को उन चारों ने मिलकर उसे जला दिया जहां मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

न्यायालय ने सुनाया फैसला

महाराजगंज (Maharajganj) क्षेत्राधिकारी सदर ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया जहां सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने सजा की मांग की, जहां न्यायालय द्वारा मुख्य सबूतों को ध्यान में रखते हुए परिवार के चार सदस्यों को दोषी पाया गया और उन्हें सजा सुनाई गई है.

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