महाराजगंज (Maharajganj) के जिला अस्पताल में इस वक्त इलाज कराने वालों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है. अस्पताल की गेट से लेकर डॉक्टर के कक्ष तक यहां पर बिचौलियों का बोलबाला नजर आ रहा है. जैसे ही कोई मरीज पर्ची लेकर ओपीडी से बाहर निकलता है, वैसे ही बिचौलिए उन्हें घेर लेते हैं और अपनी सेटिंग वाली दुकान पर ले जाकर दवाई खरीदते हैं जिससे उन्हें कमीशन मिलता है.
गेट से लेकर डॉक्टर के कक्ष तक हो रही धांधली
बृहस्पतिवार को महाराजगंज (Maharajganj) के जिला अस्पताल में यही रवैया नजर आया, जहां एक रुपए की ओपीडी पर्ची बाहर निकलते ही ₹500 की हो जाती है. जैसे ही एक मरीज पर्ची कटवा कर ओपीडी में डॉक्टर के पास जा रहे थे, बाहर निकलने पर उनके हाथ में छोटी पर्ची भी थी. वह पर्ची लेकर बिचौलिए मरीज को साथ लेकर मेडिकल स्टोर पर पहुंच जाते हैं. सुबह 11:00 बजे जिला अस्पताल के गेट पर ऐसे कई बिचौलिए मौजूद रहते हैं जो मरीज से यह कहते हैं कि जल्दी डॉक्टर से दिखा देंगे और दवा भी सस्ते में दिला देंगे. इतना ही नहीं डॉक्टर भी बिचौलिए के पर्चे को देखकर पहले उनके मरीज को बुलाते हैं जिस कारण उनका मन और बढ़ जाता है.
डॉक्टरों को दिया गया यह निर्देश
लगभग सभी डॉक्टरों के कक्ष का यही हाल है, जहां सुभावती देवी को एक बिचौलिया यह समझा रहा था कि अस्पताल में कोई भी जाँच 11:00 बजे के बाद नहीं होता है, फिर सभी जाँच को बाहर से कराना पड़ेगा. जिला अस्पताल में मरीजों को दवा ही नहीं बल्कि जांच में भी बाहर लेकर आने के लिए सेटिंग वाले सेंटर पर भेजा जाता है. निजी लैब के कर्मी अस्पताल में इधर-उधर भटकते रहते हैं.
जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए सुबह 11:00 बजे तक पर्चा जमा होता है. इस बीच जितने पर्चे जमा किये, उसी का अल्ट्रासाउंड होगा. अन्य लोगों को पैसे खर्च करने पड़ेंगे. इस मामले पर सभी डॉक्टरों को अस्पताल के अंदर ही दवा लिखने के निर्देश दिए गए हैं और यदि किसी तरह की कोई गड़बड़ी सामने आती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.