इस वक्त गन्ना किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अप्रैल महीने में मिल प्रबंधन के जरिए डेढ़ करोड़ का भुगतान करने के बाद फिर अपने कदम पीछे खींच लिए गए हैं. इस कारण से जिले भर के लगभग 2500 किसान चिंतित है. इस वक्त गडौड़ा मिल प्रबंधन की मनमानी से धीरे-धीरे किसानों की उम्मीदें टूटती जा रही है.

गन्ना प्रबंधक ने खड़े कर दिए हाथ

दरअसल किसानों को जो पुराना गन्ना मूल्य मिलने की उम्मीद है, अब उसकी भी कोई गारंटी नहीं है. सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि जिला प्रशासन भी किसानों की समस्या का कोई समाधान नहीं कर पा रहे हैं. महाराजगंज के किसानों से गनौड़ा मिल ने पेराई सीजन 2020- 21 में 815000 कुंतल गन्ने की खरीदारी की थी, जिसका कुल मूल्य 26 करोड़ 16 लाख हुआ था लेकिन जैसे ही किसानों को यह मूल्य भुगतान करने की बात आई तो मिल प्रबंधन ने अपने हाथ खड़े कर दिए.

2 साल से अटका हुआ है पैसा

प्रबंधन इस पेराई सीजन में भी किसानों से 214000 कुंतल गन्ने की खरीदारी की, जिसका कुल मूल्य 75000000 है. इस सीजन बीते 2 वर्ष का समय बीत गया लेकिन अभी तक गन्ना मूल्य के नाम पर प्रबंधन ने एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया है. ऐसे में दोनों पेराई सीजन को मिलाकर 15.65 करोड़ की देनदारी अभी भी बाकी है. किसानों का करोड़ों रुपया लगभग 2 वर्ष से अटका हुआ है जिनकी उम्मीदें धीरे-धीरे खत्म होती नजर आ रही है.