जिला अस्पताल

महाराजगंज (Maharajganj) में इस वक्त डॉक्टरों के पास पहुंचने से पहले अस्पताल में बिचौलियों की भीड़ लगी हुई है. ऐसे में अगर आप सस्ते इलाज के चक्कर में जिला अस्पताल जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं. एक रुपए की पर्ची लेकर डॉक्टर के कक्ष में पहुंचे तो परामर्श मिलने के बाद बिचौलिए घेर लेंगे. उसके बाद रक्त की जांच कराने के एवज में कम से कम ₹500 का चूना आपको लगाया जाएगा. डाँक्टर जैसे ही पर्ची पर जांच लिखते हैं पास में खड़े बिचौलिए पर्ची लेकर आगे बढ़ जाते हैं और विवश होकर मरीज को उसके आगे पीछे दौड़ना पड़ता है और दुगनी कीमत चुकानी पड़ती है.

डॉक्टर के पास लगी है बिचौलियों की भिड़

सबसे हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल में जो सीसीटीवी कैमरे के होने का दावा किया जाता है उसमें ऐसी कोई परिस्थिति नजर नहीं आ रही है. जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने पर सबसे पहले मरीज को पर्ची बनाना पड़ा. एक रुपए की पर्ची लेकर युवक डॉक्टर के पक्ष में पहुंचा तो 4 लोगों के पीछे खड़ा होना पड़ा. डॉक्टर के पास पर्ची एकत्र करने वाला युवक बोला क्या हुआ, जल्दी दिखाना हो तो बताइए. उसकी बात सुनकर मरीज बने युवक ने कुछ कहा नहीं वह करीब 10 मिनट खड़ा रहा. नंबर आया तो डॉक्टर से जांच कराने के बाद अपनी समस्या बताई और डॉक्टर ने भी बगैर कुछ सोचे समझे 5 प्रकार की जांच लिख दी, जिसके बाद यह पता चला कि डॉक्टर के केबिन में बैठा कर रक्त निकालने के बाद बिचौलिए के द्वारा ₹800 की मांग की जा रही थी.

आधे- आधे की होती है हिस्सेदारी

जब इस पूरे मामले की पोल खुली तो बताया गया कि आधा हिस्सा तो डॉक्टर साहब का हो जाएगा और आधे में हम सभी का, इसमें भी क्या बचेगा. कमरे का किराया और कर्मचारियों को देना पड़ता है जहां इस तरह अस्पताल की ओपीडी की पड़ताल में रक्त का नमूना लेने के इस खेल की पूरी तरह पोल खुल गई.

शिकायत करने पर भी नहीं होगा कुछ

जब एक मरीज ने कहा कि थायराइड की जांच करवानी है तो सबसे पहले तो बताया गया कि अस्पताल में इसकी जांच नहीं होती है फिर बोला गया कि ₹450 जांच कराने में खर्च होगा. डॉक्टर साहब ने एक नंबर दिया है उसी पर फोन करने के बाद जांच करने वाला आएगा तो उसे नमूना दूंगा. यह बताया जा रहा है कि शिकायत करने से कुछ होने वाला नहीं है मस्त रहना है तो डॉक्टर साहब की बात माननी पड़ेगी. ज्यादा हल्ला होने पर दो-चार दिन बंद रहेगा, फिर से यही शुरू हो जाएगी.

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