यह पूरा मामला निचलौल क्षेत्र का है जहां मुसहर बस्ती में बृहस्पतिवार को पट्टे की भूमि पर पट्टाधारक कब्जा करने लगे. यह सूचना किसी ने तहसील प्रशासन को दे दी, जिसके बाद अधिकारियों ने भूमि पर कब्जा करने वाले पट्टा धारकों को रोक दिया. बताया जा रहा है कि ढाई दशक बाद भी पट्टे की भूमि पर पट्टा धारकों को कब्जा नहीं मिल सका है.
मौके पर पहुंचकर कराया मामला शांत
दरअसल साल 1995 में मुसहर बस्ती बढ़िया मुस्तकिल गांव में रकबा संख्या 409 में 10 एकड़ 40 डिसमिल भूमि को नथुनी, रघुनाथ, झिनकू, करीमन, रुदल, सूरूज, नारायण, बद्दू, रामलाल, सरल, झम्मन, लक्ष्मी ,अगिया समेत कुल 22 लोगों के नाम से पड़ा हुआ है लेकिन उक्त भूमि पर कुछ लोग कब्जा कर चुके थे. इसका मुकदमा कमिश्नर के यहां चल रहा है जिसके बाद नाराज पट्टे धारक उक्त भूमि पर पहुंचकर कब्जा करने लगे. कब्जा करने वालों के बीच हंगामा खड़ा हो गया जिसके बाद राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर नाराज पट्टा धारकों को समझाने बुझाने लगी.
ढाई दशक से लोग काट रहे कोर्ट का चक्कर
नाराज पट्टा धारकों ने राजस्व विभाग की टीम से यह कहा कि उक्त भूमि पर कब्जा पाने के लिए ढाई दशक से तहसील से लेकर कोर्ट का चक्कर काट रहे हैं लेकिन आज सुनने वाला कोई नहीं है. तहसीलदार वाचस्पति सिंह ने कहा कि उक्त भूमि का मामला अभी कमिश्नर के यहां चल रहा है. बगैर निर्णय के पट्टेधारक भूमि पर कब्जा कर रहे थे. फिलहाल समझा-बुझाकर पट्टा धारकों को ऐसा करने से रोक दिया गया है और आगे फैसले आने का इंतजार हो रहा है.
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