शेयर मार्केट में आप भी करने वाले हैं निवेश तो हो जाएं सावधान, सेबी के इस आदेश के बाद बंद होने वाले हैं इन लोगों के डीमेट अकाउंट

आज के समय में कई सारे लोग शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करने में दिलचस्पी रखते हैं पर मार्च का महीना कई बदलावों के साथ शुरू होने जा रहा है जहां भारत सरकार से लेकर इनकम टैक्स विभाग और अब सेबी मे भी बदलाव की एक लंबी लिस्ट तैयार हो चुकी हैं. ऐसे में बुधवार को सेबी द्वारा सभी निवेशकों को बाजार में निरंतर और सुचारू लेन देन के लिए मार्च के अंत तक अपने पैन को आधार संख्या से जोड़ने के लिए कहा है. अगर कोई भी डिमैट अकाउंट होल्डर जो शेयर की खरीद बिक्री करता है उसने अपने आधार कार्ड को बैंक से लिंक नहीं करवाया होगा तो फिर उसके शेयर की खरीद बिक्री पर बैन लग सकता है.

अब आधार कार्ड से करवाना होगा पैन कार्ड को लिंक

इस बात को लेकर यह जानकारी दी गई थी कि अगर पैन होल्डर 31 मार्च तक सरकार के इन सभी निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उनके लिए घाटे का सौदा हो सकता है और कारोबार संबंधी और टैक्स संबंधी सुविधाएं काम करना बंद कर देगी. देखा जाए तो उनका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा. कुल इस वक्त 18 करोड़ स्थाई खाता संख्या में से करीब 48 करोड़ को अब तक विशिष्ट पहचान संख्या आधार से जोड़ा जा चुका है. इसके बावजूद भी 13 करोड लोग ऐसे हैं जिनका अभी तक पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो पाया है.

सेबी ने जारी किया बयान

सेबी द्वारा खासतौर पर इस बात को गंभीरता से अपने बयान में कहा गया कि इसका अनुपालन नहीं करने वाले लोगों पर गैर केवाईसी अनुपालन माना जाएगा और स्थाई खाता संख्या आधार के लिंक होने पर प्रतिभूतियों और अन्य लेनदेन पर प्रतिबंध हो सकता है. अगर 31 मार्च तक लोगों ने ऐसा नहीं किया तो फिर कारोबार एवं टैक्स संबंधी गतिविधियों में उन्हें लाभ नहीं मिलेगा. सरकार ने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य इस वक्त हर जगह कर दिया है. इसके साथ ही सरकार द्वारा यह कहा गया है कि अगर 31 मार्च तक पैन को आधार से जोड़ने के लिए ₹1000 का शुल्क भी देना होगा.

नियम का उल्लंघन करने पर होगा यह नुकसान

31 मार्च तक जारी किए गए निर्देश के अनुसार अगर आप अपने पैन को आधार कार्ड से लिंक नहीं कराते हैं तो उस धारक को कर लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि उसका पैन मार्च के बाद वैलिड नहीं रहेगा. आपको बता दें कि पैन को आधार से लिंक करने के लिए कई जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं और बार-बार इसके लिए समय सीमा भी बढ़ाई गई है. इसके साथ ही कहा गया कि पैन को साझा पहचान करता बनाने की बजट घोषणा कारोबारी जगत के लिए फायदेमंद होगी और जो लोग ऐसा नहीं करेंगे उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.