इन दिनों जिंबाब्वे में विश्वकप क्वालीफायर मुकाबले खत्म हो गयी है। जहां कई टीमें ने हिस्सा लिया। इस टूर्नामेंट में एक करो या मरो मुकाबले में नीदरलैंड और ओमान की टीमें आमने-सामने हुई। जहां नीदरलैंड की ओर से बल्लेबाज विक्रमजीत ने एक शानदार शतक जड़ा और अपनी टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विक्रमजीत के इस शतट तक का जश्न भारत में भी खूब मनाया गया क्योंकि विक्रमजीत सिंह का भारत से खास रिश्ता जुड़ा हुआ है। आईये जानते है उनके बारे में।
पंजाब में हुआ था जन्म
दरअसल विक्रमजीत सिंह का जन्म पंजाब के एक गांव में हुआ था। हालांकि, सात साल की उम्र में वह नीदरलैंड शिफ्ट हो गए थे। विक्रमजीत ने क्रिकेट की बारीकियां भारत में ही सीखी। विक्रमजीत ने साल 2015, 2016, 2019 और 2020 में भारत में ही रहकर अपनी बल्लेबाजी को दमदार बनाया। चंडीगढ़ स्थित गुरुसागर क्रिकेट एकेडमी में विक्रमजीत ने कोचिंग ली और अपनी बैटिंग स्किल्स पर काम किया।
20 साल के बाएं हाथ के बल्लेबाज विक्रमजीत ने नीदरलैंड के लिए साल 2019 में अपना डेब्यू किया। इसके बाद इस खिलाड़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। ओमान के खिलाफ विक्रमजीत ने अपने वनडे करियर का पहला शतक जमाया। 20 पारियों के बाद निकले इस शतक में नीदरलैंड के बैटर ने 11 चौके और 2 छक्के जमाए। विक्रमजीत ने 109 गेंदों पर 110 रन की शानदार पारी खेली।
यह खास रिकॉर्ड किया अपने नाम
विक्रमजीत सिंह ने सोमवार को ओमान के खिलाफ शानदार शतक जड़कर एक खास रिकॉर्ड अपने नाम किया। विक्रमजीत सिंह का ओमान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला शतक रहा। इस शतक के बाद वें नीदरलैंड की ओर से शतक जडने वाले नौवें बल्लेबाज बने। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नीदरलैंड की ओर से शतक जड़ा।
इस दौरान एक खास बात रही कि टीम के लिए जिन 9 बल्लेबाजों ने एकदिवसीय क्रिकेट में शतक ठोका है उसमें से सात खिलाड़ी दूसरे देश के रहे हैं। विक्रमजीत का ताल्लुक भी नीदरलैंड से न होने की वजह भारत से है। जहां इस साल विश्व कप का आयोजन होना है ।