एमएस धोनी (MS Dhoni) को क्रिकेट की दुनिया में सबसे चालक कप्तानों में से एक कहा जाता है। उनकी चालाकी को विरोधी टीम के खिलाड़ी और कप्तान बहुत ही कम पकड़ पाते हैं। यही कारण है कि उन्होंने कई टूर्नामेंट में अपनी टीम को चैंपियन बनाया है। धोनी की कप्तानी के केवल क्रिकेट फैंस ही दीवाने नहीं है बल्कि उनके विरुद्ध खेलने वाली खिलाड़ी भी है। जो अक्सर धोनी की कप्तानी और चालाकी की तारीफ करते हैं। हाल ही में भारत के आलराउंडर वेकेंटश अय्यर (Venkatesh Iyer) ने धोनी की कप्तानी की जमकर तारीफ की।
धोनी बहुत चालक है
वेंकटेश अय्यर (Venkatesh iyer) ने एक पॉडकास्ट शो के दौरान धोनी को लेकर बातचीत में कहा कि वह एक मैदान पर एक बेहतरीन आर्टिस्ट की तरह नजर आते हैं, जिनको पता होता है कि किस समय पर कौन सा फैसला लेना है। वह वर्ल्ड क्रिकेट में जो कर सकते हैं कोई दूसरा वैसा नहीं कर सकता।
अय्यर ने केकेआर और सीएसके के बीच खेले गए एक मुकाबले को याद करते हुए कहा कि, ‘मैं और एक अन्य बल्लेबाज बल्लेबाजी कर रहे थे। ऑफ साइड पर दो फील्डर खड़े थे – एक शॉर्ट थर्ड मैन और एक कवर पर सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक धोनी भाई ने एक फील्डर को और उसे दूसरी तरफ खड़ा कर दिया।’ अय्यर आगे बोले, ‘अगली गेंद पर मैंने अचानक उसी नए फील्डर के हाथों में गेंद मार दी और मैं वहां कैच आउट हो गया।
मैं मानता हूं कि वहां किस्मत भी खराब हो सकती थी, लेकिन मैं सोच रहा था कि ऐसा बिल्कुल अगली ही गेंद पर क्यों हुआ? ये सब 3-4 गेंद बाद भी हो सकता था, है ना? मैंने सोचा अरे यार इस आदमी का दिमाग कैसा है, कितना तेज चलता है।’
गलत फील्डिंग में फंसाया था
अय्यर ने कहा कि एक मैच के दौरान वह चेन्नई के खिलाफ काफी बेहतर बल्लेबाजी कर रहे थे। उस समय उन्होंने एक शॉट मारा और शॉर्ट थर्ड मैन की तरफ आउट हो गए। इसके बाद उन्हें लगा कि यह फील्डर तो गलत पोजीशन पर खड़ा हुआ था। इसको लेकर अय्यर ने मैच के बाद धोनी से जब बात की तो उन्होंने बताया कि जिस तरह से वह शॉट खेल रहे थे उसके हिसाब से सारे फील्डर और फाइन होने चाहिए थे, इसलिए उन्होंने इस तरह की फील्डिंग सेट की थी।
गौरतलब है कि इस साल वेकेंटश अय्यर ने आईपीएल में केकेआर की टीम का प्रतिनिधित्व किया था जबकि एम एस धोनी ने इस साल चेन्नई सुपर किंग्स की टीम का नेतृत्व किया था। धोनी ने अपनी टीम को चैंपियन बनाया था वही अय्यर ने टीम के लिए इस सीजन बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने 14 मैचों में 404 रन बनाए थे।इसमें उनका मुंबई के खिलाफ शतक भी