7 जून से 11 जून के बीच लंदन के दओवल स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला गया था। इस महा मुकाबले में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से 209 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में भारतीय टीम एक बार फिर आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबले में फेल होती हुई नजर आई।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार के साथ भारतीय टीम को लगातार दूसरी बार भी किताबें मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। डब्ल्यूटीसी के फाइनल मुकाबले में हार के बाद भारतीय टीम को कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
रविचंद्रन अश्विन ने प्लेइंग इलेवन में शामिल न किए जाने पर तोड़ी चुप्पी
सबसे ज्यादा विवाद तब उठा जब रोहित शर्मा ने प्लेइंग इलेवन में रविचंद्रन अश्विन को जगह नहीं दी गई। दरअसल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले तक पहुंचने के लिए रविचंद्रन अश्विन ने टीम में अहम भूमिका निभाई है लेकिन अब उन्होंने प्लेइंग इलेवन में शामिल न किए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ी।
उन्होंने बताया कि,
“उन्हें इसके बारे में 48 घंटे पहले ही पता लग गया था। दरअसल एक इंटरव्यू के दौरान रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि, मैं इस फाइनल में बेशक खेलना चाहता क्योंकि टीम को यहां तक पहुंचाने में मेरा भी योगदान था। पिछले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में मैंने अच्छी गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट चटकाए थे।
तेज गेंदबाज अश्विन आगे कहते हैं कि,
“2018-19 के बाद विदेशी जमीन पर मेरा प्रदर्शन बढ़िया रहा। मैंने टीम के लिए मैच विनिंग परफॉर्मेंस दी है। मैं इसे कुछ और कप्तान के नजरिए से देख रहा हूं और हालात समझने की कोशिश कर रहा हूं। जब हम आखरी बार इंग्लैंड में थे तो वह टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रॉ पर खत्म हुई थी। तब टीम ने यह एहसास कर लिया था कि, इंग्लैंड में विनिंग कॉन्बिनेशन 4 पेसर और एक स्पिनर का है। शायद फाइनल से पहले उनके दिमाग में यही चल रहा होगा।”
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