शुक्रवार को शादीशुदा महिलाओं ने वट सावित्री का व्रत रख बरगद की पूजा कर अपने सुहाग की सलामती मांगी. सुबह से ही महिलाओं को आसपास लगे बरगद के पेड़ के पास देखा गया, जहां वटवृक्ष को दूध, जल आदि से स्नान कराकर रोली, सिंदूर आदि से पूजन किया गया. उसके बाद कच्चा सूत बांधकर 108 परिक्रमा की गई. तेज धूप में भी महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी रही.
इस व्रत को लेकर है ये मान्यता
कडी़ और तेज धूप में भी बरगद के पेड़ के नीचे महिलाओं को अपनी पति की सलामती के लिए पूजा करते देखा गया. शहर के बस स्टेशन, सिंचाई विभाग परिसर, हनुमानगढ़ी आदि स्थानों पर महिलाओं की सबसे ज्यादा भीड़ नजर आई. वट सावित्री व्रत को लेकर मान्यता है कि प्राचीन काल में सावित्री की निष्ठा को पति की परायणता को देखकर यम ने उसके मृत पति को पुनः जीवनदान दिया था. कहते हैं कि जो इस व्रत को रखता है उसके पति पर कोई संकट नहीं आता और लंबी उम्र होती है. इसे ध्यान में रखते हुए पूरे विधि-विधान से महिलाओं ने पूजा की.