बीते दिनों भारतीय टीम को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रनों से करारी हार झेलनी पड़ी थी। इस हार के बाद भारतीय टीम में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज आर अश्विन को ना चुने जाने पर काफी आलोचना हुई थी। इसमें भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी शामिल थे, जिन्होंने भारतीय टीम की कड़ी आलोचना की थी। अब इस आलोचना के बीच सुनील गावस्कर का आरक्षण को लेकर एक का एक बयान काफी वायरल हो रहा है।

सुनील गावस्कर ने दिया तीखा बयान

दरअसल 2020 में स्पोर्टस्टार के लिए एक कॉलम में सुनील गावस्कर ने बिना किसी से डरे हुए बड़ा बयान दिया था। गावस्कर ने लिखा था कि बहुत लंबे समय से अश्विन अपनी गेंदबाजी क्षमता के लिए नहीं, जिस पर कुछ मूर्ख लोगों को संदेह होगा, बल्कि साफ बात करने और बैठकों में सबके सामने अपनी बात रखना का नुकसान उठा रहे हैं, जहां ज्यादातर लोग सहमति न होने पर भी सिर्फ सिर हिलाते हैं।

अगर अश्विन एक मैच में विकेट नहीं लेंगे तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता है जबकि स्थापित बल्लेबाजों के साथ ऐसा नहीं होता है। यह भारतीय क्रिकेट है। अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग नियम हैं। अगर आपको मुझ पर विश्वास नहीं है तो रवि अश्विन और टी. नटराजन से पूछे।

आश्विन ने दिया जवाब

गावस्कर के इस बात का अब अश्विन ने करीब 3 साल बाद जवाब दिया है। स्पोर्टस्टार के साथ एक इंटरव्यू में अश्विन ने रहस्यमय तरीके से जवाब देते हुए कहा “यह एक सच्ची कहानी है और मैं कोई मनगढ़ंत बात नहीं करता। एक दिन मैं भारत-श्रीलंका का मैच देख रहा था और भारत की गेंदबाज़ी लड़खड़ा रही थी। मेरे पसंदीदा सचिन तेंदुलकर थे, और वह बल्ले से जो भी रन बना रहे थे।

हम गेंद से वो रन लुटा रहे थे। उस वक्त मैं सोचता था कि एक दिन मुझे गेंदबाज बनना है। क्या मैं वर्तमान में मौजूद गेंदबाजों से बेहतर नहीं हो सकता? यह सोचने का एक बहुत ही बचकाना तरीका है, लेकिन ऐसा ही है मैंने सोचा और इसीलिए मैंने ऑफ-स्पिन गेंदबाजी शुरू की। यहीं से इसकी शुरुआत हुई।

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